रीवा. सदियों पहले आवागमन के इतने साधन नहीं थे, जितने आज हैं. लेकिन, लोगों में आस्था और भक्ति के गहरे भाव पहले भी थे. यही वजह है कि पहले रीवा की गरीब जनता देश के अलग-अलग कोने में स्थापित चारों धाम के दर्शन करने नहीं जा पाती थी. ऐसे में रीवा के लक्ष्मण बाग मंदिर की स्थापना की गई. इस मंदिर में चारों धाम के देवी देवताओं के विग्रह स्वरूप में स्थापित किया गया था. मंदिर के पुजारी श्री बालकृष्ण के अनुसार इस मंदिर की स्थापना 1618 ईस्वी में कराई गई थी. ऐसे पड़ा इस मंदिर का नाम इतिहासकार असद खान ने बताया कि इस मंदिर के नाम के पीछे एक रोचक कहानी है. दरअसल, रीवा के बघेल नरेशों ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी. रीवा राजघराने के आराध्य देव भगवान लक्ष्मण हैं, इसलिए रीवा राजघराने ने इस संस्थान का नाम लक्ष्मण बाग रखा. ऐसी मान्यता है कि आज भी किले के राजगद्दी में भगवान लक्ष्मण ही बैठते हैं. रीवा के बिछिया नदी के तट पर स्थित यह मंदिर शहर में आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है. इस मंदिर में लोग चारों धाम के दर्शन पूजन करने आते हैं. बिछिया नदी के तट पर मंदिर रीवा जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्मण बाग मंदिर जिले का प्रमुख धार्मिक स्थल है. यह मंदिर न सिर्फ रीवा में बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां भगवान के चारों धाम स्वरूप के दर्शन होते हैं. मंदिर के तीन ओर बिछिया नदी है. ऐसा लगता है मानो बिछिया नदी लक्ष्मण बाग मंदिर की परिक्रमा कर रही हो. यहां कई बड़े धार्मिक आयोजन समय-समय पर होते रहते हैं. इस मंदिर की स्थापना रीवा को अपनी राजधानी बनाने के बाद बघेल राजवंश के द्वारा कराई गई थी. इस मंदिर की आय कभी कम न होने पाए इसके लिए रीवा के बघेल राजाओं ने मंदिर को जमीन दान में दिया था. लक्ष्मण बाग के पास करोड़ों की संपत्ति लक्ष्मण बाग संस्थान का मुख्यालय आज भी रीवा स्थित लक्ष्मण बाग का मंदिर माना जाता है. लेकिन, इस संस्थान के द्वारा देश भर में मंदिरों का निर्माण कराया गया है. पहले रीवा राजघराने के द्वारा लक्ष्मण बाग संस्थान को संचालित किया जाता था. उस समय रीवा के राजा के द्वारा देश के बड़े तीर्थ स्थलों में जमीन खरीद कर मंदिरों और आश्रमों का निर्माण कराया गया था, जिससे रीवा से तीर्थ स्थलों में जाने वाले लोगों को एक सुरक्षित स्थान रुकने ठहरने के लिए मिल सके. Tags: Dharma Granth , Local18 , Madhya pradesh news , Religion 18 , Rewa News इन छोटे दानों में कई बीमारियों का इलाज! हड्डियों को मजबूत बनाएं और बालों झड़ने से बचाएं पुष्पा 2 की टिकट के साथ खरीद लें ये शेयर, अल्लू अर्जुन के साथ-साथ आपकी कमाई भी पक्की, जानिए कितना फायदा होगा Pushpa 2 First Review: लो जी.. आ गया 'पुष्पा 2' का पहला रिव्यू, जानिए कैसी है 'पुष्पाराज' की ये फिल्म पूजा-पाठ ही नहीं, आंगन में लगा ये पौधा औषधीय गुणों का भी है भंडार, एक नहीं अनेक बीमारियों का है काल Famous Peda of Aurangabad: 42 वर्षों से पेड़ा के स्वाद का क्रेज बरकरार, 200 क्विंटल दूध की रोजाना है खपत मेहनत कम...कमाई ज्यादा, ग्रेजुएट किसान ने शुरू की इस फल की खेती, कुछ ही दिनों में बदली तकदीर Pea Crop: मटर की बुवाई से पहले बीज का उपचार बेहद जरूरी, इस दवा का करें इस्तेमाल सावधान! आज ही जान लें झाड़ू से जुड़ी ये खास बातें, नहीं तो बिगड़ सकती है आपकी आर्थिक स्थिति पहाड़ों में इन औषधीय पौधों की जा सकेगी खेती, किसानों के परिवार को मिलेगा रोजगार None
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