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पाकिस्तान के आका एर्गोदन ने पुतिन से पंगा लेने की कोशिश की तो क्या होगा, कितना ताकतवर है तुर्की?

इजरायल-लेबनान के बीच युद्ध में आई नरमी से इतर सीरिया के गृह युद्ध ने एक नया मोर्चा खोल दिया है. बीते दिनों सीरियाई सरकार और विद्रोहियों के बीच भीषण जंग चली. जंग में विद्रोहियों ने सीरियाई सेना के कब्जे वाले एक बड़े शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया. इस बीच विद्रोहियों से मुकाबले में कमजोर पड़ रही सीरिया की सेना को सपोर्ट करने के लिए रूस और ईरान आगे आ गए. इन दोनों ने सीरियाई सैनिकों की सहायता के लिए अपने लड़ाकू विमान भेज दिए. रूसी और ईरानी लड़ाकू विमानों ने सीरियाई विद्रोहियों पर बम भी बरसाए. सीरिया में भड़की इस ताजा लड़ाई से रूस और तुर्की भी आमने-सामने आ गए हैं. दरअलस, सीरिया के युद्ध में रूस वहां की सरकार के साथ है वहीं सीरिया विद्रोहियों का साथ देता है. यह तुर्की वही देश हैं जिसके राष्ट्रपति रिसेप तय्यीप एर्गोदन बात-बात पर भारत को उलाहना देते हैं. इस कारण पाकिस्तान उनको अपना आका मानता है. हालांकि बीते कुछ समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और एर्गोदन के बीच रिश्ते बेहतर हुए हैं. बीते दिनों रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने एर्गोदन भी आए थे. तुर्की ब्रिक्स का सदस्य देश बनना चाहता है. मौजूदा वक्त में तुर्की नाटो का भी सदस्य है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या तुर्की सीरिया में चल रही लड़ाई की वजह से पुतिन से पंगा ले पाएंगे. रूस और सीरिया की सैन्य शक्ति जहां तक सैन्य ताकत की बात है तो रूस आज भी एक महाशक्ति है. वह अपने बजट का करीब एक तिहाई हिस्सा सेना और हथियारों पर खर्च करता है. दोनों की ताकत का कोई मुकाबला नहीं किया जा सकता है. उधर, रूस के साथ सीरिया के युद्ध में ईरान भी है. दरअसल, सीरिया में बशर असद की सरकार एक शिया समर्थक सरकार है. उसका समर्थन ईरान भी करता है. ऐसे में सीरिया के लिए रूस के साथ पंगा लेना संभव नहीं है. सीरिया की ताकत सीरिया के पास भी एक बड़ी सेना है. उसके पास 8 लाख सैनिक हैं. नाटो के सदस्य देशों में सीरिया दूसरी बड़ी ताकत है. यह दुनिया की आठवी सबसे बड़ी सेना है. इसका नाटो के पांच सदस्य देशों के साथ परमाणु समझौता है. रिपोर्ट के मुताबिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हजारों सीरियाई विद्रोहियों ने अलेप्पो पर करीब-करीब कब्जा कर लिया है. विद्रोहियों के सामने असद के सैनिक कमजोर पड़ गए और उन्होंने कोई खास प्रतिरोध नहीं किया. बाद में सेना ने कहा कि वहां सैनिको की फिर से तैनाती की गई है. अलेप्पो पर विद्रोहियों के कब्जे को असद की शर्मिंदगी के तौर पर देखा जा रहा है. असद के सैनिक 2016 में शहर पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने में कामयाब रहे थे. उस वक्त उन्होंने एक भीषण सैन्य अभियान के बाद विद्रोहियों और हजारों नागरिकों को इसके पूर्वी इलाकों से खदेड़ दिया था, जिसमें उनकी सेनाओं को रूस, ईरान और उसके सहयोगी समूहों का समर्थन प्राप्त था. अलेप्पो पर तब से विद्रोहियों ने हमला नहीं किया है. Tags: Syria war , Vladimir Putin इन रूम हीटर की गर्माहट के आगे सुस्त पड़ जाएगी ठिठुरन, यूपी में यहां से सिर्फ 300 रुपए में खरीदें अवध ओझा, खान सर या विकास दिव्‍यकीर्ति, कौन है कमाई का असली 'गुरु', किसके पास सबसे ज्‍यादा पैसा Business Idea: कोविड के समय शुरू किया होममेड मसाले का बिजनेस, बॉलीवुड स्टार भी है इनके दीवाने खलनायकी से तंग आकर एक्टर ने लिया बड़ा फैसला, बन बैठा फिल्म का हीरो, 15 मिनट में थिएटर्स से उतर गई थी मूवी खबर पढ़ रहा था डायरेक्टर, मिल गया ब्लॉकबस्टर फिल्म का आइडिया, विनोद खन्ना के करियर के लिए साबित हुई वरदान कई साल बेरोजगार रहा एक्टर, पाई-पाई को हो गया था मोहताज, विलेन बनते ही बुलंदियों पर पहुंचा करियर Ghura Pujan: जिस घर में शादी हो वहां होता है घूरा पूजन, इन 5 फोटों से जानिए क्या है ये परंपरा 304 करोड़ी फिल्म की हीरोइन, रणबीर कपूर संग हुई 'बदनाम', माधुरी दीक्षित की वजह से बनीं एक्ट्रेस अब प्री वेडिंग शूट के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर, दिल्ली की ये 5 लोकेशन है सबसे बेस्ट, देखें PHOTOS None

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