वक्त बीतने के साथ-साथ कई ऐसी यादें भी होती हैं जिन्हें हम भुला नहीं सकते। जब हम किसी प्रिय व्यक्ति को खो देते हैं, तब यह अहसास होता है कि समय का मूल्य कितना बड़ा है। यादों का यह सफर कभी खत्म नहीं होता। इसलिए हमें अपने प्रियजनों के साथ बिताए गए वक्त की कद्र करनी चाहिए। पढ़ें सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ का विचार- समय को लेकर हमारा दृष्टिकोण हमेशा से गहरा और महत्त्वपूर्ण रहा है। ‘गया समय कभी वापस नहीं आता,’ एक ऐसा तथ्य है, जिसे हम सब स्वीकार करते हैं, फिर भी अक्सर हम इसे नजरअंदाज करते हैं। समय की महत्ता को समझने के लिए हमें यह जानना जरूरी है कि हमारे जीवन में समय की कमी केवल एक वस्तुगत समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे सोचने और जीने के तरीके को भी प्रभावित करती है। भारतीय संस्कृति में समय को ‘काल’ के रूप में दर्शाया गया है। गीता में कृष्ण ने कहा है: ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’, यानी आपका अधिकार केवल कर्म करने में है, फल की चिंता करने में नहीं। इसके माध्यम से यह समझा जा सकता है कि हमें अपने कार्यों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि समय के बीत जाने के साथ ही हम अपने जीवन जीने के उद्देश्यों को भी खो देते हैं। समय का सही उपयोग करना हमें आत्मनिर्भर और सफल बनाता है। जब हम अपने कार्यों को टालते हैं या समय की अनदेखी करते हैं, तब हम वास्तव में अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे होते हैं। समय कभी लौटकर नहीं आता और इसका मोल भी केवल तभी समझ में आता है, जब हम इसे खो देते हैं। प्रसिद्ध लेखक पाब्लो पिकासो ने कहा था, ‘अगर कोई चीज समय के साथ नहीं बदलती, तो वह समय के साथ खत्म हो जाती है।’ समय का सदुपयोग ही हमें उस स्थिति से बाहर निकाल सकता है, जहां हम अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इस दौड़ में हर व्यक्ति एक प्रतिभागी है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए समय-प्रबंधन आवश्यक है। हम सभी के पास चौबीस घंटे होते हैं, पर क्या हम इस समय का सही उपयोग कर पा रहे हैं? यह उक्ति आमतौर पर लोग दोहराते मिल जाते हैं कि जो बीत गया, वह फिर नहीं आएगा। यह एक ऐसा विचार है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम अपने जीवन के इस अमूल्य समय को सही दिशा में उपयोग कर रहे हैं या नहीं। भारतीय संस्कृति में त्योहारों का महत्व, शुभकामनाओं का बाजार के बीच कुछ इस तरह आया बदलाव समय का सही उपयोग करते हुए हम अवसरों को पहचान सकते हैं। जीवन में अनेक बार ऐसे मौके आते हैं, जब हम समय को प्राथमिकता नहीं देते। इस कारण से हम अवसरों को खो देते हैं। काल का दुरुपयोग न करें जैसे संदेश हमें बहुत सारे लोगों ने दिया होगा। सच भी यह है कि समय की साधना करने से हम अपने लक्ष्य के करीब पहुंच सकते हैं। इसे प्राथमिकता बनाए बगैर हम अपने सपनों को साकार करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। वक्त बीतने के साथ-साथ कई ऐसी यादें भी होती हैं जिन्हें हम भुला नहीं सकते। जब हम किसी प्रिय व्यक्ति को खो देते हैं, तब यह अहसास होता है कि समय का मूल्य कितना बड़ा है। यादों का यह सफर कभी खत्म नहीं होता। इसलिए हमें अपने प्रियजनों के साथ बिताए गए वक्त की कद्र करनी चाहिए। इस तथ्य से शायद ही कोई अनजान होगा कि जो पल बीत गए, वे कभी वापस नहीं आते। हमें हर लम्हे को जीने की कला सीखनी होगी। एक मुश्किल यह भी है कि वक्त का खयाल रखते हुए क्या हमें हमेशा इस हद तक फिक्रमंद हो जाना चाहिए कि नकारात्मकता के करीब चले जाएं! इसका असर दीर्घकालिक स्तर पर नकारात्मक ही होगा। इसलिए समय का सदुपयोग करते हुए सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए। जब हम अपने विचारों में सकारात्मकता लाते हैं, तब हम अपने समय का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। इस मसले पर हम अपने महापुरुषों के विचार भी सुनें-जानें तो यही पता चलता है कि हमें अपने लक्ष्यों की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और समय को अपने पक्ष में करना चाहिए। सकारात्मकता हमें कठिनाइयों से लड़ने की ताकत देती है। समय प्रबंधन की कला हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने कार्यों को प्राथमिकता दें। अपने कार्यों को योजना बनाकर पूरा करना हमें समय की बर्बादी से बचा सकता है। अपने जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट करके उन्हें समय के अनुसार विभाजित करना चाहिए। दैनिक कार्यों की एक सूची बनाकर उसे पूरा करने का प्रयास किया जा सकता है। हर कार्य के लिए एक समय सीमा तय कर लेना चाहिए, ताकि समय का सही प्रबंधन कर किया जा सके। लंबे समय तक काम करते रहने से मानसिक थकान होती है। इसलिए छोटे-छोटे विराम लेना चाहिए। प्यार की शुरुआत में तो लोग रहते हैं सतर्क, एक-दूसरे से दूर होने पर तड़प और प्रेम का होता है अनुभव समाज में समय की अनदेखी करने के बजाय इसका सदुपयोग करने पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। जब हम समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं, तब हम समय का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। हमें चाहिए कि हम अपने सामर्थ्य का उपयोग समाज के उत्थान में करें। कहा गया है कि समाज में जो कुछ भी किया जाता है, वह समय की समझदारी से ही संभव होता है। समय का महत्त्व अनंत है। ‘बीता समय कभी वापस नहीं आता’ जैसी उक्ति का अर्थ यही है कि हमें हर लम्हे को जीने और उसका सही इस्तेमाल करने का प्रयास करना चाहिए। हमें चाहिए कि हम समय की कद्र करें, क्योंकि यह हमारे जीवन का सबसे मूल्यवान धन है। समय का सही उपयोग किसी को भी आत्मनिर्भर बनाता है, सफलता की ओर ले जाता है और सपनों को साकार करने में मदद करता है। समय को बर्बाद करने वालों को इसकी मार झेलनी पड़ती है, इसलिए इसे अपनी यात्रा का साथी बना लेना चाहिए। जीवन का हर पल मूल्यवान है। इसका सही प्रबंधन करने की जरूरत है, ताकि एक सफल और सुखद जीवन की ओर बढ़ा जा सके। None
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